डॉ. एजाज अहमद भट को मिला यंग साइंटिस्ट अवार्ड, कश्मीर का गौरव बढ़ा
नई दिल्ली. इंजीनियरिंग, साइंस और मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कश्मीर के डॉ. एजाज अहमद भट को 11वें इंटरनेशनल साइंटिस्ट अवार्ड वितरण समारोह में यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा डॉ. भट को इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स, बैंगलोर द्वारा नेचर सेल रिसर्च में प्रकाशित उनके काम के लिए यंग रिसर्चर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है. यह दोहरी खुशी कश्मीरियों के लिए गौरव की बात है कि उनके बीच का बच्चा आज देश और दुनिया में नाम रोशन कर रहा है
डॉ. एजाज अहमद भट वर्तमान में लाइफ साइंसेज इंस्टीट्यूट, स्कूल ऑफ मेडिसिन, शिजियांग यूनिवर्सिटी, चीन में पोस्ट डॉक्टरल फेलो के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जैव रसायन विभाग से बायोकेमेस्ट्री में मास्टर्स किया.
इसके बाद डॉ. भट उच्च अध्ययन के लिए दक्षिण कोरिया चले गए. उन्होंने अगस्त 2018में दक्षिण कोरिया के बायोकेमिस्ट्री विभाग के यूंगनाम विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज से बायोकेमेस्ट्री में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
डॉ. एजाज को येओंगनाम यूनिवर्सिटी पोस्ट ग्रेजुएट छात्रवृत्ति से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने येओंगनाम यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है.
उनके शोध में विभिन्न सिग्नलिंग मार्ग, विशेष रूप से टीआरएएफ सिग्नलिंग से संबंधित प्रोटीन और एपोप्टोसिस का अध्ययन शामिल है. उन्होंने सेल सिग्नलिंग में बहुत महत्वपूर्ण झिल्ली प्रोटीन पर भी काम किया और क्रायो-ईएम या एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी तकनीक जैसे शक्तिशाली टोल का उपयोग करके उनके आणविक तंत्र का पता लगाया.
डॉ. एजाज के 20से अधिक पेपर हैं, जो नेचर सेल रिसर्च, नेचर सेल डिस्कवरी, साइंटिफिक रिपोर्ट्स, फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंसेज, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोकेमिस्ट्री और सेल बायोलॉजी जैसी अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. वह संपादकीय बोर्ड के सदस्य और कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं जैसे कि ट्रांसशनल ऑन्कोलॉजी (एल्सेवियर), कैंसर उपचार और संचार (एल्सेवियर), जैव रसायन और विश्लेषणात्मक जैव रसायन आदि के समीक्षक के रूप में कार्य करते हैं.
शोध की ओर आकर्षण रहा
डॉ. एजाज अहमद भट का जन्म जम्मू और कश्मीर के बडगाम जिले के एक छोटे से गांव केनिहामा में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, केनिहामा में शुरू की, जहां उन्होंने चार साल बिताए. स्कूल में उनके बेहतर प्रदर्शन के कारण उनके शिक्षकों न उनके माता-पिता को कनीपोरा स्थित एक प्रमुख स्कूल ब्राइट मिशन स्कूल में भेजने की सलाह दी. उन्होंने अकादमिक में उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखा और शोध की ओर आकर्षित हुए.
डॉ. एजाज अहमद भट
बाद में, उन्होंने अपने स्कूल में 9वीं और 10वीं कक्षा दोनों में टॉप किया. उन्होंने 2007में आयोजित जम्मू कश्मीर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट भी क्वालिफाई किया था, लेकिन बाद में उसे रिसर्च फील्ड में रुचि के कारण छोड़ दिया.
एएमयू का प्रतिनिधित्व किया
एजाज ने तब बायोकैमिस्ट्री रिसर्च के क्षेत्र में फैसला किया. उन्होंने श्री प्रताप कॉलेज, श्रीनगर में प्रवेश परीक्षा दी और कॉलेज में जैव रसायन, रसायन विज्ञान और वनस्पति विज्ञान विषयों के लिए चुने गए. वे अपने शिक्षकों बशीर, एजाज रिजवी और डॉ. मंजूर लोन को शिद्दत से याद करते हैं, जिन्होंने उन्हें हर संभव तरीके से सहयोग किया. पढ़ाई के अलावा, एजाज ने कॉलेज में खेल गतिविधियों, विशेष रूप से वॉलीबॉल और क्रिकेट में भी सक्रिय रूप से भाग लिया.
स्नातक के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के बायोकैमिस्ट्री विभाग में सीट पाना उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा दी और जैव रसायन विभाग में 14वीं रैंक हासिल की, जिसमें केवल 18 सीटें थीं. एजाज ने पोस्ट-ग्रेजुएशन के दौरान सिस्टेमेटिक ल्यूपस एरीथोमैटोसिस (एसएलई) विषय पर सेमिनार व्याख्यान दिया. उन्होंने दवा वितरण प्रणाली के रूप में अल्फा 2 मैक्रोग्लोबुलिन विषय पर प्रस्तुति भी दी. उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों और सेमिनारों में एएमयू का प्रतिनिधित्व भी किया.