अलशिफा में रक्तदान ने मिटायी मज़हब की लकीर

मुस्लिम समाज के बारे में आम धारणा है कि मानव सेवा का काम कम करते हैं.मगर अलशिफा ने इस मिथ्य को तोड़ कर रख दिया है.जमाअते इस्लामी बिहार के तत्वावधान में अलशिफ़ा ब्लड डोनर्स क्लब, पटना की ओर से रविावार को राजधानी के मदरसा शम्सुलहोदा में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.इस अवसर पर 25 से ज़्यादा लोगों ने रक्तदान किया. ख़ास बात ये है कि ग़ैरमुस्लिम भाईयों ने भी अपना ख़ून पेश किया. नये लोगों में रक्तदान को लेकर काफ़ी उत्साह देखा गया. रक्तदान का सबसे ख़ास महत्व ये है कि इससे न सिर्फ़ इंसानी ज़िन्दगी को बचाने में मदद मिलती है, बल्कि समाजी रिश्तों को मज़बूत करने में भी आसानी होती है. ज़िंदगी एवं मौत की कशमकश में  झूल रहे मरीज़ों के लिए रक्तदान एक नेमत की तरह है.जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिज़वान अहमद इस्लाही ने बताया कि इंसानियत की खि़दमत के लिए लगभग पंद्रह साल से ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया जा रहा है. विकास कुमार, मुबश्शिर ज़िया और अफ़ज़ल ताज ने कहा कि रक्तदान करके उन्हें काफ़ी खुशी हो रही है.उन्होंने कहा कि रक्तदान करने को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करने की ज़रूरत है.ब्लड डोनर्स क्लब के पूर्व सचिव इंजीनियर हामिद अख़तर ने कहा कि रक्तदान करने वालों का इम्यून सिस्टम बेहतर होता है. इस कैम्प की ख़ास बात यह रही कि अलशिफा के ज़िम्मेदारों ने भी रक्तदान किया.रक्तदान करने वालों में तनवीर आलम,मोहम्मद रिज़वान,अब्दुल रहमान,मसीह उर रहमान,शाहिद सुल्तान,मोहम्मद शाहबाज़,सुभम राज,अहमद जलाल,हामिद अख़्तर,रेहान उमर खान,शाहबाज़ अली खान,शौक़त अली,यासीर खान,मोहम्मद मंज़ूर,मोहम्मद सैफुल इस्लाम,मोहम्मद अफज़ल ताज,विकास कुमार,अशरफ़ आतिफ़ ,मोहम्मद तौशिक,मोहम्मद अल्ताफ़,मोहम्मद अबु फिरदौस,मोहम्मद ख़ालिद,मोहम्मद काशिफ़ अनवर ,सैयद मामून परवेज़,एहसान अंसारी,अब्दुल रहमान का नाम प्रमुख है.