पाकिस्तानः महिला अपराध के खिलाफ फिर ‘औरत मार्च’ की तैयारी

‘छह फुट की दूरी, हक के लिए आजाव उठाउंगी फिर भी पूरी.’
महिला दिवस पर पाकिस्तान भर में चले ‘औरत धरना’ स्थल पर यह नारा खूब गूंजा. दरअसल, यह धरना ट्रेलर था पाकिस्तान में महिलओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की मुखलाफत में इस महीने की आखिर में कराची, लाहौर, मुलतान और इस्लामाबाद में होने वाले ‘औरत मार्च’ का. पिछले कुछ वर्षों में पड़ोसी पाकिस्तान में औरतों के खिलाफ अत्याचार में भयंकर उछाल दर्ज किया गया है. इस देश के सिंध प्रांत में स्थिति अत्याधिक खराब है. ‘गल्फ न्यूज’ में ‘सस्टैंनेबल सोशल डेवलप्मेंट आर्गेनाइजेशन  के हवाले से छपी एक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में महिलाओं के प्रति अपराध में 200 प्रतिशत तक का उछाल आया है. खासकर एसिड अटैक में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. विदेशी मीडिया ‘डीडब्ल्यू टाॅट काॅम’ के अनुसार, पाकिस्तान में 2010 से तेजाबी हमले का चलन बढ़ा है. तब ऐसे करीब 8,000 मामले दर्ज किए गए थे. ‘थाॅम्सन राइटर्स फाउंडेशन की रिपोर्ट कहती है कि औरतों के मामले में पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक मुल्क है. पाकिस्तान के ‘जिओ न्यूज’ के एक आंकड़े की मानें तो पिछले वर्ष औसतन हर रोज 11 महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं. गुजरे साल ही कुल रेप का आंकड़ा 22 हजार के पार था. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू सर्वाधिक संख्या में रहते हैं. इस प्रदेश में महिलाओं के प्रति अत्याचार की स्थिति अधिक गंभीर है. एक आंकड़े के अनुसार, इस प्रदेश में 2019 में आॅनर किलिंग के 108, बलात्कार के 95, कमउम्र शादी के 09 और महिलाओं की हत्या के 132 मामले दर्ज किए गए थे. 

crime in sindh pakistan

 पाकिस्तान के नेशनल कमीशन आफ जस्टिस एंड पीस और द पीएचसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रांत में अल्पसंख्यक महिलाओं एवं लड़कियों के अगवा एवं धर्म परिवर्तन के औसन 1000 मामले प्रत्येक वर्ष दर्ज किए जाते हैं, जिनमें से अधिकांश रिकाॅर्ड पर नहीं आते. पाकिस्तान में महिला अधिकार को भी कोई महत्व नहीं दिया जाता. महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं का भी भारी टोटा है. यहां तक कि अस्पतालों से कहीं अधिक औरतों की डिलिवरी घरों में दाईयों के माध्यम से कराई जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों की दशा अधिक खराब है. देहाती इलाकों में औरतों को 14-14 घंटे काम करना पड़ता है. तमाम फसलों की उगाही में वह आगे-आगे रहती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘जेंडर गैप’ के मामले में पाकिस्तान 153 देशों में 151 नंबर पर है. पाकिस्तान में औरतों की निरंतर बदतर होती स्थिति को देखते हुए ही वहां के जागरूक महिलाओं, पुरूषों के एक वर्ग ने देश की सरकार को जगाने के लिए ‘औरत मार्च’ का कार्यक्रम शुरू किया है. इस वर्ष इस महीने के अंत में आयोजित होना है, जिसकी जोरदार तैयारियां चल रही हैं. औरत मार्च ट्विटर हैंडल द्वारा लोगों से प्लास्टिक के पोस्टर बनाने एवं उसे सोशल मीडिया पर डिस्प्ले करने की अपील की गई है.  ‘औरत मार्च को कामयाब बनाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने लिए 8 मार्च को महिला दिवस पर देशभर में ‘औरत धरना’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया. लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सिंगर मारवाल जैसी कलाकार ने धरनास्थल स्थल पर अपनी प्रस्तुति दी. हालाकि, ऐसे कार्यक्रमों से पाकिस्तान के पुरूष प्रधान समाज का रवैया बदलता नहीं दिख रहा. ऐसा होता तो ‘औरत मार्च’ के आयोजनों के साथ महिला अपराधों में भी गिरावट दर्ज की जाती.